Vedic Calendar वैदिक पंचांग General Havan सामान्य यज्ञ Special Occasion विशेष अवसर Sanskar Vidhi संस्कारविधि Arya Festival आर्य पर्व Policies Contact Us About Us

Search for products..

Vasant Panchmi - (वसंत पंचमी)

वसंत पंचमी

(1) वसन्तेन ऋतुना देवा वसवस्त्रिवृता स्तुताः।
रथन्तरेण तेजसा हविरिन्द्रे वयो दधुः।।

यजु. 21। 23

(2) मधुश्च माधवश्च वासन्तिकावृतू अग्नेरन्तः श्लेषोऽसि कल्पेतां द्यावापृथिवी कल्पन्तामाप ओषधयः कल्पन्तामग्नयः प्रथङ् मम ज्यैष्ठ्याय सव्रताः।
ये अग्नयः समनसोऽन्तरा द्यावापृथिवी इमे वासन्तिकावृतू अभिकल्पमाना इन्द्रमिव देवा अभिसंविशन्तु तया देवतयागिंरस्वद् ध्रुवे सीदतम् स्वाहा।

यजु. 13। 25।।

(3) मधु वाता ऋतायते मधु क्षरन्ति सिन्धवः।
माध्वीर्नः सन्त्वोषधीः स्वाहा।।

(4) मधु नक्तमुतोषसो मधुमत्पार्थिवं रजः।
मधु द्यौरस्तु नः पिता स्वाहा।।

(5) मधुमान् नो वनस्पतिर्मधुमाँ२ऽअस्तु सूर्यः।
माध्वीर्गावो भवन्तु नः स्वाहा।।

यजु. 13। 27-29।।

ओ3म् भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्।। 
(यजु 36/3)
इस मन्त्र से तीन बार केवल घृत से आहुतियां दे।

पूर्णाहुति-मन्त्राः

ओं सर्वं वै पूर्ण ँ् स्वाहा।
इस मन्त्र से तीन बार केवल घृत से आहुतियां देकर अग्नि होत्र को पूर्ण करें।

Home

Cart

Account